Panchagavya Based Medicines and Its Benefits

औषधि का  नाम 

पाचन तंत्र की के विकार ओ को शांत करता है लीवर, किडनी, पथरी ,हृदय रोग , केंसर आदि मैं लाभकारी और कोलेस्ट्रोल कम करता है   यह शरीर का    वजन कम करता है और कई सारी  बिमरिओं मैं  लाभ प्रद  है 

 
(२) घनवटी :

आयुर्वेद में कहा गया है की इस पुथ्वी पर मानव जाती के लिये गोमाता के पुर्वप्रसाद रूप में गोमूत्र विद्या मान हुवा है।  

यह गोमूत्र वटी से मधुमेह (डायबिटीस) उदररोग,श्वास ,पाईल्स ,अपेंडिक्स और मानसिक बीमारी यो में लाभप्रदायक है यह दिव्य  और आश्चर्यजनक  बहुरोग हारी महौषधि है ।


(३) पचनामृत(हर्डे चूरण) :

यह गोमूत्र से शोधित हर्डे चूरण एसिडिटी, गैस,अपच,पित ,कब्ज ,पेट दर्द मै अत्यतं लाभकारी है। 

 

(४) अंग मर्दनम तैलम: 

जोड़ो के  दर्द  मै  अत्यंत लाभकारी।  मालिस के लिए उपयुक्त (आखों  से दूर रखें) 

 

(५) दंतमंजन  (टूथ  पावडर) :

पायोरिया ,मुख दुर्गंध , मुखरोग ,मसुडो  मै  खून आना, दांतों  की  दुर्बलता को दूर करे दंतोको सफ़ेद और मजबूत  बनाये। 

 
(६)मलम :

दाद , खस , खुजलि , और भी अनेक प्रकार के तव्चा से  सबंथित अनेक प्रकार के रोगों के  लिए  लाभप्रद  है। जेसे की एडीओका फटना,जलना,कटजाना, इन सबो में लाभप्रद  है। 

 
(७ ) अंगरक्षक साबुन :

वैदिक काल से प्रचलित पद्धति से  बनाया गया  तन मन पवित्र करे ,चेहरे में कांति लाये ,इसमे किसी भी केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है ये स्वाश्थ्य वर्धक और उत्सावर्धक है। 

(८ )गोमूत्र :

गाय का गोमूत्र मै गंगा का वास है। आप गंगा जल की जगह  इसका  उपयोग कर सकते  है। 

इसे  स्नान करने से शरीर की खुजली आदि बीमारिया ठिक  होती है। घरमे पोछा लगाते समय बाल्टी में थोड़ा सा गोमूत्र डालकर पोछा लगाये इससे बीमारी फेलाने वाले सारे जीवाणु से रक्षण मिलता है 

 
(9) केश निखार : 

रुसी,बालो का जड़ना ,बाल घने और लम्बे करना,छोटी उम्र में बालो को सफ़ेद होने से रोकना सुन्दर और काले बालो के लिए उपयोगी। 

 
(10) फेश पेक :

वैदिक काल से प्रचलित पद्धति के अनुसार बनाया गया है ,जो चेहरे पर दाग , मुहांसे और त्वचा की बीमारियों में लाभकारी है ,और चेहरे पर तेज लाता है। 

 
(11) सात्विक सुद्ध धुप :

वातावरण के प्रदुषण को दूरऔर शुद्ध करता है ,मन को प्रसन्न करे ,12 घंटे तक घर में प्रभाव रखे।, हिमालय की प्राकृतिक जडीबुटीओ से बनाया हुआ ,केमिकल रहित जो तुम्हारे इष्टदेव को अर्पण करने से प्रसन्न होते है ,अनुभव की बात है।

 
(12 ) गौमय (गोबर के कंडे ) :

गौमय यग्न और हवन के लिए आवश्यक छोटे  आकार में बनाया गया गिर गाय के पवित्र गोबर से बनाया गया है। गोबर के कंडे में थोडा सा घी ,जव ,तल डाले तो यग्न हो जायेगा और यग्न के देव आपकी मनोकामना पूरी करेगे। कोई भी पूजा या विधि में उपयोगी। 


 
(13) बर्तन पावडर :

बर्तन पावडर भगवान और अन्य सभी प्रकार के बर्तन घिसने के लिए पवित्र गिर गाय के गोबर के कंडे की राख से बनाया हुआ केमिकल रहित डीश  वोशिंग पावडर।

 

आयुर घी नथुने से नाक में लेने से सायनस व निंद्रा , अनिंद्रा , जेसी तकलीफ से राहत होती है। इस घी वैदिककाल की पद्धति से बनाया जाता है। पहले दूध को मिट्टी के बर्तन में ज़माने के बाद उसी बर्तन में लकड़ी के साधन से हाथ से मंथन करके माखन निकाला जाता है , फिर मिट्टी के बर्तन में ही माखन को उबालकर घी निकाला  जाता है। यह घी कठियावाड  के प्रसिद्ध दरबारी गायो का है,जो हररोज चरने के लिए 200 बीघे के खेत में जाती है। यह गाये सूर्यप्रकाश में वन में अपनी मरजी के अनुसार चरति है ,उसका ही घी उपयोग में लिया जाता है। 

(15) गोपिका साबुन :

गोपिका साबू इस अदभुत साबुन को गीर गाय के पंचगव्य घी से बनाया जाता है। त्वचा के रोग , शारीर को निखार ने के लिए उपयोगी है। त्वचा को प्राकृतिक सुन्दरता प्रदान करता है। 

 
 
(16 ) गीर गाय का बलोने का घी :

इस घी को वैदिक काल  अनुसार बनाया जाता है।  इस घी को बनाने के लिए सिर्फ भारतीय नस्ल की गिर गाय के दूध का उपयोग होता है। इस घी का उपयोग रसोई के लिए , यग्न में आहुति के लिए और औशधि के रूप में उपयोग किया जाता है। 

 
(17) गोपिका शेम्पू :

यह आयुर्वेदिक शेम्पू देशी गीर गाय के गौमूत्र से सिद्ध करे हुए औषधियो से बनाया जाता है। यह शेम्पू आपके बालो को मुलायम और घने रखता है। 

 
(18) 

ब्राह्मी आमला हेर ओइल :

यह हेर ओइल गाय के घी से सिद्ध हुई औषधियो से बनाया जाता है इस तेल को ब्राह्मी और आमला के मिश्रण से बनाया जाता है। ब्राह्मी से चेतातंत्र की दुर्बलता दूर होती है।  आमला से सीर में रही रुसी  दूर होती है। यह तेल बाल को काले और मुलायम व रेशमी बनता है। 

 
(19) उबटन :

उबटन से नहाने के बाद इतनी ताजगी का अनुभव होता है ,जैसे जीवन में पहली बार ही नहाये हो। काफी लोगो ने इस उबटन का उपयोग किया है उसकी यह राय है। उबटन के उपयोग से पसीने की दुर्गंध दूर होती है नहाते समय साबुन की जगह उबटन लगाने के बाद थोड़ी देर बाद नहाना 

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